ये नये ज़माने का आशिक़ आख़िर क्या चाहता है? दोस्ती के नाम पर ये, 4-5 से आँख लड़ाता है। कोई रोके टोके तो, उसको ईगो भी दिखाता है। उसके सच को झुठ, और अपने झुठ को सच बताता है। खुद की गलती को माफ़ी, और उसकी गलती को दोहराता है। ये नए ज़माने का आशिक़ आख़िर क्या चाहता है? यूँ तो ये लड़ता है, उसको कोई कुछ बोले तो। पर ख़ुद की आये बात तो, ये इज़्ज़त देना भुल जाता है। एक्स को भूल नहीं पाता और, क्रश पर भी जान लुटाता है। अपनी मोहब्बत को सच्ची, और उसकी को ग़लत बताता है। दिन के 6 घण्टे, फोकट में टाइम बिताता है। वो पुराना वाला इश्क़ अब, उनके दिल को कहा भाता है। वो सच्ची मोहब्बत वाला, अब नए रिश्ते बनाता है। कॉम्प्लिकेटेड हो रहे रिश्ते, पर वो उन्हें नहीं सुलझाता है। ये नए ज़माने का आशिक़ ना जानें क्या चाहता है?? #aaj_ka_aashiq