मैया तेरे प्रेम की ओढ़ चुनरिया मन मस्त मलंग हुआ झूमूँ नाचूँ गाऊँ हर विध तोहे मनाऊँ वर पाऊँ बस एक ही जो है सबके दिलों का चितचोर मेरा साँवरा