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दीप जलाये सबने खुशी के अयोध्या के राम जो आये चौ

दीप जलाये सबने खुशी के
अयोध्या के राम  जो  आये

चौदह वर्ष का बनवास से
गृह में सिया संग वो आये

पवन पुत्र हनुमान ने
अपना दिल चीर के
 अपने  ही  दिल में 
प्रभु  रामचंद्र के दर्शन कराये

अयोध्या  के  राम  ने
तोड़ दिये सभी वार बुराई के
दशानन  को ज़मी पर  गिराके
गिरा दशानन का घमंड अपना सर झुकाये

राम भरत शत्रुघ्न ने मिलके
सभी ने नैनो में दीपक जलाये
दुःख  के  बहाने  छाट  गये
खुशी   के  बहाने  ये  आये

दीप "ज़ुबैर" ये जलाके
दुश्मन भी गले मिल जाये


लेखक - ज़ुबैर खांन.....

©SZUBAIR KHAN KHAN दीपावली

WRITER - ZUBAIR KHAN
दीप जलाये सबने खुशी के
अयोध्या के राम  जो  आये

चौदह वर्ष का बनवास से
गृह में सिया संग वो आये

पवन पुत्र हनुमान ने
अपना दिल चीर के
 अपने  ही  दिल में 
प्रभु  रामचंद्र के दर्शन कराये

अयोध्या  के  राम  ने
तोड़ दिये सभी वार बुराई के
दशानन  को ज़मी पर  गिराके
गिरा दशानन का घमंड अपना सर झुकाये

राम भरत शत्रुघ्न ने मिलके
सभी ने नैनो में दीपक जलाये
दुःख  के  बहाने  छाट  गये
खुशी   के  बहाने  ये  आये

दीप "ज़ुबैर" ये जलाके
दुश्मन भी गले मिल जाये


लेखक - ज़ुबैर खांन.....

©SZUBAIR KHAN KHAN दीपावली

WRITER - ZUBAIR KHAN