इन आंखों ने समेट कर रखा है तुम्हारा प्रेम, बस इसी प्रतीक्षा में... कि तुम आओगे, और यह उड़ेल देंगी... अपना सारा स्नेह.. तुम्हारी आंखों में, उस दिन सैलाब आएगा, और प्रवाहित होंगी.. पीड़ा.. प्रतीक्षा..व्याकुलता, विनष्ट की ओर..सदा के लिए! ©deepti #nojoto तुम बिन दूजा इन नैनो को भाए कैसे... जहां बसे हो तुम कान्हां..वहां दूजा कोई अब बस पाए कैसे!