सवेरा ढलता है शाम में जैसे मैं भी तुझमें ढली हूं वैसे तुम्हारे कदमों से कदम मिलाई है वैसे चली हूं मैं भी तुम्हारी ही रफ्तार से तुम्हारी मुस्कुराहटों में शामिल हुई हूं जैसे तुम्हारी उदासियों में खोई भी हूं वैसे फूलों में खुशबू बसती हो जैसे तेरी ही खुशबू से मैं महकी हूं वैसे हां; तुझमें ढलती गई हूं मैं वक्त के साथ_साथ धीमे_धीमे से ©Poonam #शाम #शामिल #ढली #साथ_साथ