तुम गए फिर हम गए ये सिलसिला चलता रहा इश्क़ यूँ लुटता रहा और काफिला चलता रहा। बेखबर थे सब मुसाफिर उस लुटेरे शाह से बस्तियां जलती रही और कारवां चलता रहा। #माधवेन्द्र_फैज़ाबादी।