मैंने लिखना शुरू कर दिया है...( 4 ) दुआ करो कि, जो भी हो अच्छा हो, कहीं किसी को खराब न लिख दूँ... बातें सारी पन्नों तक ही सीमित रहे, कहीं भावुकता में कोई किताब न लिख दूँ... बरसों से रखता हूँ समेट कर जो यादें, बातों-बातों में कहीं इन यादों का हिसाब न लिख दूँ ... Rupendra✍ मैंने लिखना शुरू कर दिया है(4)✍ Ritika suryavanshi pooja negi# deepshi bhadauria