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"नारी तू सम्मान की भूखी स्नेह भरा जग का तुझमें, हो

"नारी तू सम्मान की भूखी स्नेह भरा जग का तुझमें,
होगा  जो  अपमान  तेरा रुप काली धरा है  तुझमें।
तू  बलखाती  गंगा जैसी अमृत  रस भरा है तुझमें,
कल  कल  करती  ध्वनि संग संगीत भरा है तुझमें।
तू  मधुमास  सी  है मीठी हैं जेठ की गर्मी सी तीखी,
तू  रम्भा भी, तू काली भी हर   रुप  धरा भी  तुझमें।
एहसासों  का ताना-बाना है  भाव ममता का तुझमें,
रुद्र  चरणों   में  लेटे  तेरे  रौद्र  जब  भरा  हो तुझमें।
नारी   तू   प्रकृति   प्यारी  भूखा  पेट भरा  है  तुमने,
धरती बन,कहीं माता बन जीवन  हर  तरा  है तुमने।"
🌼🙏🌼

©Ashish
  #womanrespect 
#Inspiration