मैं थक गया, अब खुद को ही खो-खो कर । मैं कैसे पा लूं खुद को, किसी का हो-हो कर ।। क्यों करता हूं, अब भी यकीन उस रब्ब पर । जब दिखता अपने ही वो साथ नहीं ।। (read full in caption) ©Jayesh gulati मैं करता हूं, अब खुद से सवाल कई । क्यों ना दिखता अब, जो थे साथ कई ।। क्यों करता नहीं, अब यकीन किसी बंदे पे । क्यों मोहब्बत मेरी खुद को ही मार गई ।। मुझे पता हैं मेरे खिलाफ़ कई । क्यों करते हैं लोग यूं बवाल भई ।।