वो जो दूर - दूर रहते हैं.. जो जुबां से कुछ ना कहते हैं.. चुपचाप विरह सहते हैं.. उनके हृदय आगार में.. कितने जज्बात सिमटते हैं.. कहना चाहते बहुत कुछ.. पर कुछ नहीं कर सकते हैं.. दूर जो रहते हैं..