सितम्बर बाईस मेरे सितारे मेरे काबू में लगते है घर से जो आजकल साथ ही में चलते है बनावटी सा भाई मुझसे सड़ने लगा है देख तरक्की मुझसे जलने लगा है कहता है सामने तो नेकी कमाओ बस नेकी की आस में काम उलटे करने लगा है ईश्वर से मांगता हु आत्मा को शांति दो विश्वास जो कमाया तूने दूसरे के हक़ का मिलेगा नहीं राजा बेवजह अकड़ने से। ©Shubham joshi #वक्त #हरकत #पासा #इन्तजार