प्यारे दोस्त इस युग में सब कुछ मिले मिले न सच्चे मित्र फिर भी इस दिल में सजे हैं कुछ सुन्दर चित्र वो करता क्या छोड़ दें वफ़ा निभायें आप , शीशी फिर भी महकेगी भले खतम हो इत्र सतीश मापतपुरी ….. सतीश मापतपुरी ©Satish Mapatpuri सच्चे मित्र #PoetInYou