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पुत्री के जन्म पर: थी निशा काली अमावस की, नूरानी ह

पुत्री के जन्म पर:
थी निशा काली अमावस की, नूरानी हो गयी है।
तुम जो आए ख़ूबसूरत, जिन्दगानी हो गयी है।

शुष्क मरुथल में अचानक बूँद स्वाति की पड़ी हो।
मन के वीरां वन में उजली सी सड़क जैसे मुड़ी हो।
तम के सागर में कोई उम्मीद की नैया खड़ी हो।
इस धरा से उस गगन के मध्य भी कोई कड़ी हो।

यूँ कि हरसिंगार से चितवन सुहानी हो गयी है।
तुम जो आए ख़ूबसूरत, जिन्दगानी हो गयी है।
थी निशा काली..

जाने कैसे इतना सुंदर मुस्कुराना जानती हो।
हाथ से उंगली मेरी तुम झट से कैसे थामती हो।
कौन सी जादूगरी आती है तुमको मैं न जानूँ।
बन्द नयनों से भी आहट को मेरी पहचानती हो।

थे अधूरे पृष्ठ में पूरी कहानी हो गयी है।
तुम जो आये ख़ूबसूरत जिन्दगानी हो गयी है।
थी निशा काली..

कोकिला के स्वर से भी सुन्दर तेरी किलकारियाँ है।
तुझ में आजी, दादी, माँ की सुनहली परछाइयाँ है।
तुमने कद मेरा बढ़ाकर कर दिया आकाश भर का।
अब मुझे प्यारी मेरी कंधों पे जिम्मेदारियाँ है।

नवपिता बन स्वप्न धारा आसमानी हो गयी है।
तुम जो आये ख़ूबसूरत जिन्दगानी हो गयी है।
थी निशा काली.. पुत्री के जन्म पर उमड़े भाव गीत के रूप में..
#poetry #गीत
पुत्री के जन्म पर:
थी निशा काली अमावस की, नूरानी हो गयी है।
तुम जो आए ख़ूबसूरत, जिन्दगानी हो गयी है।

शुष्क मरुथल में अचानक बूँद स्वाति की पड़ी हो।
मन के वीरां वन में उजली सी सड़क जैसे मुड़ी हो।
तम के सागर में कोई उम्मीद की नैया खड़ी हो।
इस धरा से उस गगन के मध्य भी कोई कड़ी हो।

यूँ कि हरसिंगार से चितवन सुहानी हो गयी है।
तुम जो आए ख़ूबसूरत, जिन्दगानी हो गयी है।
थी निशा काली..

जाने कैसे इतना सुंदर मुस्कुराना जानती हो।
हाथ से उंगली मेरी तुम झट से कैसे थामती हो।
कौन सी जादूगरी आती है तुमको मैं न जानूँ।
बन्द नयनों से भी आहट को मेरी पहचानती हो।

थे अधूरे पृष्ठ में पूरी कहानी हो गयी है।
तुम जो आये ख़ूबसूरत जिन्दगानी हो गयी है।
थी निशा काली..

कोकिला के स्वर से भी सुन्दर तेरी किलकारियाँ है।
तुझ में आजी, दादी, माँ की सुनहली परछाइयाँ है।
तुमने कद मेरा बढ़ाकर कर दिया आकाश भर का।
अब मुझे प्यारी मेरी कंधों पे जिम्मेदारियाँ है।

नवपिता बन स्वप्न धारा आसमानी हो गयी है।
तुम जो आये ख़ूबसूरत जिन्दगानी हो गयी है।
थी निशा काली.. पुत्री के जन्म पर उमड़े भाव गीत के रूप में..
#poetry #गीत

पुत्री के जन्म पर उमड़े भाव गीत के रूप में.. #Poetry #गीत #कविता