कोई राख तो कोई मिट्टी बन जाएगा, ना कुछ लेकर आया था और ना कुछ लेकर जाएगा | क्यूं बो रहे है नफ़रतों के बीज हम, इससे तो फूल नहीं काँटा ही निकल कर आएगा | जय श्री राम अल्लाह हु अकबर सब ठीक है लेकिन, आग लगेगी घर में तो पड़ोसी ही बुझायेगा | हम क्या है क्यों है ये समझना ज्यादा अहम है, मंदिर मस्जिद सब यही धरा का धरा रह जाएगा | koi mitti ban jayega....