सवेरे देखा अखबार तो याद आई चाय और चाय पर वो मिठी बातें कुछ हँस कर कुछ तंज में जब कहीं गईं अपनेपन में तब दिल जुड़े और मजबूती में अब जब खाली दिखता है घर तो पूर्व की वो बातें परछाईं बन आती जाती हैं चाय फीकी होती जाती हैं अखबार उन खबरों से बचता है जिन पर गहन चर्चे होते थे जैसे सब रद्दी हुए वो भी रद्दी होते जा रहे ©Kavitri mantasha sultanpuri #रद्दी #KavitriMantashaSultanpuri