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उदासी का मर्म हर पल मेरे साथ हर दुःख ने पकड़ा है

उदासी का मर्म हर पल मेरे साथ
 हर दुःख ने पकड़ा है मेरा हाथ
विश्वाश है मुझे खुदा से भी ज्यादा सब पर
अगर विष भी देंगे तो अमृत सा पी लूंगा
दोस्त हो मेरे ,भगवान से भी लड़ लूंगा
ज़रा सा मांगोगे तो आसमान झुका दूंगा
विश्वाश नहीं है मुझ पर , 
तो कमिया मेरी ढूंढ़ लूंगा
मुस्कान को हवा लग गई मेरी उदासी की
क्योंकि
उदासी का मर्म है मेरे साथ
उदासी को हराऊ या खुद हार जाऊं 
उदासी का साथ छूटता नहीं,
तो फिर दुनियां से अलविदा ही जाऊं
रो कर कब तक गुजारे यह छैली
हर वक्त नज़र लग गई मैली

©PREM JANGIR #पथ_भूला_परदेशी 

#Suicide
उदासी का मर्म हर पल मेरे साथ
 हर दुःख ने पकड़ा है मेरा हाथ
विश्वाश है मुझे खुदा से भी ज्यादा सब पर
अगर विष भी देंगे तो अमृत सा पी लूंगा
दोस्त हो मेरे ,भगवान से भी लड़ लूंगा
ज़रा सा मांगोगे तो आसमान झुका दूंगा
विश्वाश नहीं है मुझ पर , 
तो कमिया मेरी ढूंढ़ लूंगा
मुस्कान को हवा लग गई मेरी उदासी की
क्योंकि
उदासी का मर्म है मेरे साथ
उदासी को हराऊ या खुद हार जाऊं 
उदासी का साथ छूटता नहीं,
तो फिर दुनियां से अलविदा ही जाऊं
रो कर कब तक गुजारे यह छैली
हर वक्त नज़र लग गई मैली

©PREM JANGIR #पथ_भूला_परदेशी 

#Suicide