तेरे इश्क को इबादत समझ लिया, तुझको खुदा और खुद को खुदा का रूह समझ लिया, जान से ज्यादा तुझको चाहने लगे, और जान जान ही बस तुझे कहने लगे, पर अफसोस तूने कभी मुझे अपना जाना नहीं, हमेशा गैर तूने माना कहीं,,, Mamta Singh Mera khuda