कभी-कभी पंछियों ने सिखाया मुझे, ना भटकने के लिए झुंड में भी उड़ लिया जाए, जब के एक आशियाँ, उजाड़ दे कोई तो दूसरा आशियाँ बना लिया जाए, हमें कैद कर ही खुश हो तुम तो कैद भी रह लिया जाए, भूल गए हैं जो इंसानियत याद आएगी सब्र रखा जाए। ©Pràteek Siñgh #Panchi #आशियाँ #इंसानियत #कैद #Twowords