पीती हर फूलों का रस प्यासा है इसकी वंशज प्यास नही मिटता कभी जन्म मृत्यु का फूलों से संगम प्रकृति में गोते लगती हर बूंदों में अधिकार जताती सुंदर और उमंग है इसमें नव निर्वाचित प्रकृति में आई भिन्न भिन्न रंग पंखों में डाल उठता मन में कई सवाल रचा कैसे खुदा ने इसको तरसे छूने हर्षाएँ मन में ©Pawan Munda प्यासा है इसकी वंशज