Nojoto: Largest Storytelling Platform
pawanmunda1485
  • 73Stories
  • 24Followers
  • 686Love
    65.5KViews

Pawan Munda

लेखक और शायरी आशिक़ आप सब का चहयता

  • Popular
  • Latest
  • Video
ccae2bfcaa45795d21872da6cb8d9f5f

Pawan Munda

White बहुत सुना है नाम इसका
                   क्या है सात समंदर का  किस्सा
बिना इसे पार किए
                        अधूरा है जीवन का हिस्सा

बड़ा हैरत की बात है यह
                 अब तक नहीं सुलझा यह किस्सा
बड़ा गहन चिंतन किया तब
                    पाया इसका कुछ हिस्सा 

है जन्म- मृत्यु के बीच
                    है वो शरीर सात अवस्था 
गर्भा, शैशवा,बाल्या,किशोरा
                    प्रौढ़ा, वृद्धा और मृत्यु अवस्था 

बड़ा सुन्दर है जीवन यार
                    मां- बाप कर दिया चार पार
एक बीबी और एक बेटे साथ
                सातवां सामाज कर देगा उधार

©Pawan Munda
  सात समंदर क्या है

सात समंदर क्या है #विचार

ccae2bfcaa45795d21872da6cb8d9f5f

Pawan Munda

White क्या लिखूंगा मैं पिता पर
                    शब्द नहीं है, झलकता दर्द यहां पर
मुझे कुछ हो जाने पर
                        जाग रहता वह रात भर 

कभी सिर पर हाथ फेर कर
                        कभी पांव दबा वह देता 
खुद का अमन चैन तज कर
                        दवा पानी वह ला देता

याद है वह दिन मुझे
              जब बिच्छू ने मारा था डंक
 रात भर चीखा था मैं
               क्या बिच्छू का था दर्द 
                
रात भर पानी कर गर्म
                  कुछ दवाई का डालकर अंश
सेकता रहा उस डंक पर
                    सुबह प्यार से पूछा मुझको,
कैसा है अब वह दर्द

©Pawan Munda
  #fathers_day
ccae2bfcaa45795d21872da6cb8d9f5f

Pawan Munda

कब मिलेगा जिनको को मुझको
                    सब कुछ है यहां सपनों सा
शिकायते हर वक्त मैं करता
                    गुणेहेगार मैं सबको कहता

बक बक मन से बाज न आता
                    कभी किसी से हार न मानता
कोई लड़ा दे जुबां मुझ सा
                   अनगिनत मन जाल है बुनता

करता धरता कभी खुदको मानता
                     मिथ्या मन क्यों हाथ न आता
कब मिलेगा जिनको मुझको
                       शिकायते मन हर रोज़ है करता

©Pawan Munda
  #sadak
ccae2bfcaa45795d21872da6cb8d9f5f

Pawan Munda

सब रंगों को एक में पिरकर
                  खुशी और आनंद में भरकर
समस्त विकारों से मुंह मोड़कर
                  हैप्पी होली  पवन की ओर से

खूब मंगलमय आनंदमय जीवन
                   प्रेम संचार हो जन जीवन में
द्वेष क्लेश मिटे घर घर में 
                   हैप्पी होली पवन की ओर से

आशा है मर्यादा में रहकर
                  खेले होली रंग गुलाल
बड़ो को मेरा नमन और छोटो को मेरा प्यार
                  होली की शुभकामना मेरे सह-मित्रों को

©Pawan Munda
  #holikadahan happy Holi
ccae2bfcaa45795d21872da6cb8d9f5f

Pawan Munda

एक पहल हमारी भी है
                  खुद को आगे देखने को
डॉलर को पीछे हम छोड़ 
                   रुपया में दुनियां आ रहे है

हम फिर आगे आ रहे है
                    अग्रेजों को हम दिखा रहे है
कितनी सशक्त है भारत
                      ज्ञान की रोशनी जला रहे है

वक्त है इतिहास हम बदले
                    गटर की सोच से निकले
सोने की चिड़ियां हम फिर बनाकर
                      विश्व गुरु की ओर चल रहे है

उम्मीद हमारी यही है
                     हर नोटों में गांधी हो
डॉलर को चेस कर कर
                      गांधी जी स्थापित हो

©Pawan Munda
  हर नोटों में गांधी हो

हर नोटों में गांधी हो #कविता

ccae2bfcaa45795d21872da6cb8d9f5f

Pawan Munda

क्या फ़ायदा बन कर राजा
                    बिन संघर्ष भूखा ही सोता 
देह बल से कौन है डरता
                     जी हूजूरी करने कौन आता

अपना बल रख किनारे
                  प्रेम से जी और दे सहारे
सबका अधिकार है धरती में
                     बिन घास घोड़ा कैसे जीए रे   

तादाद किसी की न हो ज्यादा
                      पारितंत्र दिया प्रकृति ने
जानवर में राक्षस है बाघ
                        पंछियों में चील और बाज

©Pawan Munda
  क्या फ़ायदा बनकर राजा

क्या फ़ायदा बनकर राजा #कविता

ccae2bfcaa45795d21872da6cb8d9f5f

Pawan Munda

चेहरे तो यहां एक है
                रुप यहां अनेक 
बातें यहां नही दिखता
                 इरादें सबका दिखता है

खुद को लाख छिपा लो कितना
                     हकीक़त चेहरे पे दिखता
बातें चाहें बना लो कितना
                      होठों पे हकीक़त न छिपता 

अंदर जैसा विचार है चलता
                      बाहर चाल ढाल में दिखता
बदलाव ऐ कैसे हो रहा है
                       ख़ुद से अनभिग लोग हैं रहता

गुणों में चरित्र ऐसा गुण है
                   अंदर को बाहर, बाहर को अंदर ले जाता है
जैसा आप बना चाहते है
                     वैसा आपको बनाता है

©Pawan Munda
  चेहरे यहां एक है पर रुप यहां अनेक

चेहरे यहां एक है पर रुप यहां अनेक #कविता

ccae2bfcaa45795d21872da6cb8d9f5f

Pawan Munda

आसान कहां मजदूर बन जीना
                         ख्वाबों का जी कर मर जाना
आज नही कल पूरी होना
                      हर दिन उम्मीदों में जीना

घर से भोजन बांध निकलता
                      आज तय है रोज़गार मिल जाना
घर से निकाला हूं मैं जल्दी
                      हर दिन यह विश्वास पे जाना

बच्चे घर पर राह जोहते
                     पापा कुछ खाने को लादे
थका हरा घर में आता
                     निराशा चेहरे पर छा जाता 

बेटा कल लादूंगा कुछ
                     मिला नही काम गया था दूर
चिंता छीन लिया सब नूर
                       मजदूर ही क्यों है मजबूर

©Pawan Munda
  आसान कहां मजदूर बन जीना

आसान कहां मजदूर बन जीना #विचार

ccae2bfcaa45795d21872da6cb8d9f5f

Pawan Munda

माना तू मेरी साथ थी
                अब नहीं, कोई बात नहीं
तेरे लिए मैं जलु रात दिन 
                ऐसी कोई बात नहीं

माना साजिशे करूं मैं लाख 
                 ऐसी मेरी मुराद नहीं 
तू नहीं कोई बात नहीं
                  अब कोई इंतजार नहीं 

खर्चे मैने क्या है लाख
                  मेरी भी मुराद थी खास
तू स्वार्थी थी मैं मान भी लू
                  पर मैं स्वार्थी यह प्रमाण क्या दूं

कोई मुझे कहता है त्यागी
                   क़िरदार भी मुझे निभानी है
रावण जैसी कर्म करके
                    कुल को नहीं जलानी है

माना इश्क़ है बेपनाह तुमसे
                    यह घूंट विष की पीनी है 
बनो लाख कामियाब तुम
                     जानेंगे लोग तुम्हें मुझसे ही

©Pawan Munda
  #ऐसी कोई बात नहीं

#ऐसी कोई बात नहीं #शायरी

ccae2bfcaa45795d21872da6cb8d9f5f

Pawan Munda

वह दिन मुझे लौटा दे कोई
                   वह बचपन का प्यार-दुलार
वह मिट्टी की गंध-सुगंध
                   मां की डाट मां की प्यार

पिता की स्नेह मां के बाद
                   घर में खूब मनमानी करता
खेलता दोस्तों से बेशुमार
                    काश! लौट आता बचपन

खूब होता मार पीट दोस्तों से
                 नही रहता प्रतिशोध का भाव
फिर एक जगह आ कर खेलता
                  ग्लानि की न रहता भाव

काश! तू फिर लौट के आजा
                    ऐ मेरे सुन बचपन
बिन तेरे सुना सुना है 
                    गलियां और मेरे आंगन

©Pawan Munda
  #काश! लौट आता वह बचपन#

#काश! लौट आता वह बचपन# #ज़िन्दगी

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile