अंहिसा को स्वतंत्रता आंदोलन में अपनाया स्वतंत्रता का अनमोल रत्न हमनें पाया आज "अ" को हमनें अंहिसा से हटाया हिंसा को हर जगह अपनाया जिस सत्य से शहीदों ने अपना मनोबल बढ़ाया हमनें उस "अ" को सत्य के पीछे लगाया बताओं जरा इससे क्या पाया ? क्या देश आज भी-स्वतंत्र है ? सवाल यही सब पूछते अगर सब शहीद इस जहां में वापस आते पर तय है, जबाब हम नहीं दे पाते ✍ कमल भंसाली स्वतंत्रता