यों तो भारत माता के कई रत्न हुए हैं इसी धरा पर बलिदानी सपूत हुए हैं सुखी हुई माता ऐसे सपूतों को पाकर जो बचाने उसकी लाज आ गए धरा पर अग्रेजों ने मचाया था आतंक जहां पर खून की नदियां बहीं और लाशें गिरी वहां पर मुंह तोड़ जवाब देने को उपस्थित हुए थे अंग्रेज तब इस हमले से अचंभित हुए थे तब आगे आए हमारे देश के वीर जवान मिटाने उनकी हस्ती और क्रूर अभिमान अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव राजगुरु जो अंग्रेजों की आतताई देख हो गए शुरू अग्रेजों के नाक में दम कर दिया था होंसलों को उनके पस्त कर दिया था दहशत में आ गई थी अंग्रेजी सरकार विचारें कैसे करें इन देश भक्तों पर वार फिर उनको सुनाया तब फाँसी का पैगाम 23 मार्च 1931 को ले जाया गया सरेआम रंग दे बसंती के गान से जग को जगाया अंग्रेजी सरकार ने उन्हें फंदे पर लटकाया शत शत नमन है ऐसे देश भक्त जवानों को कभी न भूल पाएंगे हम इनकी शहादतों को इन्हीं के निरंतर प्रयासों से आजादी हमें मिली है इन्हीं की देश के लिए की कुर्बानी हमारे मन में बसी है ....................................................................... देवेश दीक्षित 7982437710 ©Devesh Dixit #shaheeddiwas #रत्न #nojotohindi रत्न यों तो भारत माता के कई रत्न हुए हैं इसी धरा पर बलिदानी सपूत हुए हैं सुखी हुई माता ऐसे सपूतों को पाकर जो बचाने उसकी लाज आ गए धरा पर