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दुश्मन चले आए थे सरहद तक मगर मैंने जंग की शुरुआत न

दुश्मन चले आए थे सरहद तक
मगर मैंने जंग की शुरुआत नहीं की
खुशियां आने को बेताब थी मेरी बाहों में
मगर मैंने तेरी यादों से बेवफाई नहीं की
कुछ लोग बचा भी लेते मुझे अंधेरों से
मगर मैंने जरा सी आवाज नहीं की
और क्या पता भर जाते तेरे दिए ज़ख्म
मगर मैने दुबारा मोहब्बत से दोस्ती नहीं की

©Sudhanshu gautam #EMOTIONALHINDIQUO
दुश्मन चले आए थे सरहद तक
मगर मैंने जंग की शुरुआत नहीं की
खुशियां आने को बेताब थी मेरी बाहों में
मगर मैंने तेरी यादों से बेवफाई नहीं की
कुछ लोग बचा भी लेते मुझे अंधेरों से
मगर मैंने जरा सी आवाज नहीं की
और क्या पता भर जाते तेरे दिए ज़ख्म
मगर मैने दुबारा मोहब्बत से दोस्ती नहीं की

©Sudhanshu gautam #EMOTIONALHINDIQUO