पाती मेरे पी की पाती मेरे पी की पिया से भी प्यारी पिया के ही प्यार कारन बनी तूँ हमारी बार-बार चूमूँ तोहे गले से लगाऊं प्राणप्यारी पाती कब पिया जी को पाऊं पिया बिन जिया मोरा मारे है उडारी पिया के ही प्यार कारन बनी तूँ हमारी तकिये के नीचे तेरी सेज बिच्छादूं ज़ुल्फों की छाँव करके आ तुझको सुलादूं लोरी गाऊं मीठी आए नींद की ख़ुमारी पिया के ही प्यार कारन बनी तूँ हमारी भोर भए तो तुझे वक्ष में छुपालुं दुनिया की जलती नज़र से बचालुं आ मेरे अँग लगजा तुझपे सारी ज़िन्दगी वारी पिया के ही प्यार कारन बनी तूँ हमारी जाने काहे फड़के आज़ मोरी बायीं अँखियाँ आये मोहे हिचकी तो ताना मारे सखियाँ राम करे पूरवैय्या ले आये खबर तुम्हारी पिया के ही प्यार कारन बनी तूँ हमारी पाती मेरे पी की पिया से भी प्यारी पिया के ही प्यार कारन बनी तूँ हमारी रचयिता : आनन्द कुमार आशोधिया कॉपीराइ ©Anand Kumar Ashodhiya #पाती