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White तबाही की दहलीज पर आकर खड़े हैं| मत पूछो, यह

White तबाही की दहलीज पर आकर खड़े हैं|
मत पूछो, यह मंजर क्या है

बाहर से जरूर ठीक नजर आते है
सच पूछो, अन्दर क्या है।

निकलते नही अब बंद भर आंसु भी
मेरी आंखों, से ज्यादा बंजर क्या है।

टूटे हुए सपनो का दर्द बहुत गहरा है।
मत नापो, यहसमुंदर क्या है।

©Umrav Jat
  #कशिश #दर्द #तन्हाई