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उड़ियाना छन्द धाम अपने आ गये , आज श्री राम हैं । ग

उड़ियाना छन्द

धाम अपने आ गये , आज श्री राम हैं ।
गूंजता है कान में , आज प्रभु  नाम है ।।
सज रहा है ये अवध , मान सम्मान से ।
गीत गाते लोग सब , मधुर मुस्कान से ।।

धन्य वो इंसान है , देखते जो भवन ।
पाप के हकदार है , कर रहे जो गमन ।।
छट रहा है अब तिमिर , राम प्रस्थान से ।
लोग सारे हैं मगन , भव्य निर्माण से ।।

धन्य है अपने नयन , भवन बन देखते ।
जल रहे कुछ लोग जो , क्यों नही चेतते ।।
स्वार्थ बस ही आप क्या , पूजते राम को ।
खुशी मुख पर है नहीं , देख इस धाम को ।।

१७/०१/२०२३    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उड़ियाना छन्द


धाम अपने आ गये , आज श्री राम हैं ।

गूंजता है कान में , आज प्रभु  नाम है ।।

सज रहा है ये अवध , मान सम्मान से ।
उड़ियाना छन्द

धाम अपने आ गये , आज श्री राम हैं ।
गूंजता है कान में , आज प्रभु  नाम है ।।
सज रहा है ये अवध , मान सम्मान से ।
गीत गाते लोग सब , मधुर मुस्कान से ।।

धन्य वो इंसान है , देखते जो भवन ।
पाप के हकदार है , कर रहे जो गमन ।।
छट रहा है अब तिमिर , राम प्रस्थान से ।
लोग सारे हैं मगन , भव्य निर्माण से ।।

धन्य है अपने नयन , भवन बन देखते ।
जल रहे कुछ लोग जो , क्यों नही चेतते ।।
स्वार्थ बस ही आप क्या , पूजते राम को ।
खुशी मुख पर है नहीं , देख इस धाम को ।।

१७/०१/२०२३    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उड़ियाना छन्द


धाम अपने आ गये , आज श्री राम हैं ।

गूंजता है कान में , आज प्रभु  नाम है ।।

सज रहा है ये अवध , मान सम्मान से ।

उड़ियाना छन्द धाम अपने आ गये , आज श्री राम हैं । गूंजता है कान में , आज प्रभु  नाम है ।। सज रहा है ये अवध , मान सम्मान से । #कविता