उड़ियाना छन्द धाम अपने आ गये , आज श्री राम हैं । गूंजता है कान में , आज प्रभु नाम है ।। सज रहा है ये अवध , मान सम्मान से । गीत गाते लोग सब , मधुर मुस्कान से ।। धन्य वो इंसान है , देखते जो भवन । पाप के हकदार है , कर रहे जो गमन ।। छट रहा है अब तिमिर , राम प्रस्थान से । लोग सारे हैं मगन , भव्य निर्माण से ।। धन्य है अपने नयन , भवन बन देखते । जल रहे कुछ लोग जो , क्यों नही चेतते ।। स्वार्थ बस ही आप क्या , पूजते राम को । खुशी मुख पर है नहीं , देख इस धाम को ।। १७/०१/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उड़ियाना छन्द धाम अपने आ गये , आज श्री राम हैं । गूंजता है कान में , आज प्रभु नाम है ।। सज रहा है ये अवध , मान सम्मान से ।