मिले हो ऐसे जैसे, सारा जहाँ हमारा हे मित्र स्वीकार करो, प्रणाम हमारा न कोई चिंता न कोई डर साथ तुम्हारे सच हो तुम ही इस जग में सदा हमारे छुपा लूँ ग़म जो मन मे फिर भी पहचानो छोटी हो या मोटी हो बातें सब तुम जानो मित्र बनो और बनाओ प्रेम से, इसका कोई मुहूर्त नही क्या है कोई ऐसा जिसको,मित्र की जरूरत नही , 🙏मित्रता दिवस की हार्दिक सुभकामनाये आप सभी को🙏 #freindship #freind