मुलाकात के ठीक पहले बाली रात मुलाकात के ठीक पहले बाली रात याद है तुम्हे? न तुम सोई न मुझे नींद आयी थी तुमने ख्यालों के संदूक से निकली थी कई मुरझाई हुई नज्में तुम्हारी आवाज को पाकर जिसने हरा हो जाना था कई नज्म कह डाले थे तुमने उस रात और मै चुपचाप सुनता रहा सुबह सुबह जल्दी मिलना था हमे कितना प्यार उमड़ पड़ा था न अब भी वो रात मेरे लिए वैसी ही है अब भी जगता हूं मैं पर अब तुम नज्म नहीं कहती गूगल ड्राइव के फोल्डर में मुलाक़ात तो होती है हमारी पर तुम कुछ कहती नहीं, तुम चुपचाप मुझे देखती हो और इस बार नज्म तुम नहीं,मै सुनता हूं तुम्हे पर अब कोई वाह या तारीफ नहीं करता सब कुछ बदल गया है तुम्हारे लिए पर मेरी राते वहीं रुकी हैं शायद तुम भी रुक जाते! #पहली_मुलाकात #नज्म़ #यादें #yqbaba #yqdidi #yqquotes #lovestory #नींद