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हसरतो को लिखकर अपनी बयाँ करते है, आज उसे एक खत लिख

हसरतो को लिखकर अपनी बयाँ करते है, आज उसे एक खत लिखते है..
सूने सूने सपने बीजो से बिखरे फुर्कत(जुदायी) की जमीं पर, वस्ल में लेकर अपनी शज़र(पेड़) करते है..
मेरे होने में मैं हूँ तेरे होने में तू है, घड़ी भर के लिये इस मैं तू को हम करते है..
मुझमें कुछ घटकर तू हो जाऊ तुझमे कुछ जुड़कर मैं,इस जोड़ घटाने में मोहब्बत का गुणा करके जिंदगी की गणित करते है..
भटके से है सहरा (रेगिस्तान) ए जिंदगी में अरसे से सुकून की प्यास है, गोद में सर रख माँ कि समुन्दर करते है।। #fursatkepal
हसरतो को लिखकर अपनी बयाँ करते है, आज उसे एक खत लिखते है..
सूने सूने सपने बीजो से बिखरे फुर्कत(जुदायी) की जमीं पर, वस्ल में लेकर अपनी शज़र(पेड़) करते है..
मेरे होने में मैं हूँ तेरे होने में तू है, घड़ी भर के लिये इस मैं तू को हम करते है..
मुझमें कुछ घटकर तू हो जाऊ तुझमे कुछ जुड़कर मैं,इस जोड़ घटाने में मोहब्बत का गुणा करके जिंदगी की गणित करते है..
भटके से है सहरा (रेगिस्तान) ए जिंदगी में अरसे से सुकून की प्यास है, गोद में सर रख माँ कि समुन्दर करते है।। #fursatkepal