#letter to father परम पूज्यनीय जन्मदाता,कर्मदाता मुझे बहुत दु:ख होता है ये देख कर कि पैसे के वजह से एक पूरा परिवार नष्ट हो गया है। वक़्त से बड़ा शक्तिशाली, वक़्त से बड़ा शिक्षक कोई नहीं है। जिस परिवार के लिए मैंने कभी अपने जान,पैसे,कैरियर, इज्ज़त किसी चीज की परवाह नहीं की।वो परिवार इतना स्वार्थी, इतना गिरेगा,ऐसा मैंने सपने में नहीं सोचा था। इनकी दुष्टता,धृष्टता,कपट देख मैं अवाक हूं।मनुष्य बाहर तो लड़ सकता है पर भीतर वो कैसे लड़े? मैंने बहुत कोशिश की इन्हें समझाने की पर इनके अक्ल पर पत्थर पड़ गया है।इनलोंगो को पैस