Nojoto: Largest Storytelling Platform

घर से निकला था कुछ सपने लेकर, जो अब तक पूरे न हो प

घर से निकला था कुछ सपने लेकर,
जो अब तक पूरे न हो पाये हैं।
हाँ,मुझे निकले कई साल बीत गये
पर सपने अब तक न पास आयें हैं।।
हर दिन उस मेहनत के मंजर से गुजरता हूँ, 
जिनसे इनको हकीकत बना सकूँ में
पा सकूँ इनसे वो ख़ुशी जिनको,
हम उम्मीदों में देखते आयें हैं  
हाँ मुझे निकले कई साल बीत गये, पर सपने अभी तक न पास आयें हैं  
सपनों की ख्वाहिशें बहुत टेढ़ी निकली यारों, हम बहुत जल्द पूरे होंगे 
कहे कर ये साल-दर साल हमें, अधूरा करते आयें हैं  
हाँ मुझे निकले कई साल बीत गये...........................
होंगे एक दिन ये सपने भी पूरे ,मेहनत  किसी की बेकार नहीं जाएंगी
हाँ कुछ बड़े सपने हैं इस लिए बड़ी कीमत चुकाने आयें हैं  
हाँ मुझे निकले कई साल बीत गए, पर सपने अब तक न पास आयें हैं

©पूर्वार्थ #सपनेपूरेहोतेहैं
घर से निकला था कुछ सपने लेकर,
जो अब तक पूरे न हो पाये हैं।
हाँ,मुझे निकले कई साल बीत गये
पर सपने अब तक न पास आयें हैं।।
हर दिन उस मेहनत के मंजर से गुजरता हूँ, 
जिनसे इनको हकीकत बना सकूँ में
पा सकूँ इनसे वो ख़ुशी जिनको,
हम उम्मीदों में देखते आयें हैं  
हाँ मुझे निकले कई साल बीत गये, पर सपने अभी तक न पास आयें हैं  
सपनों की ख्वाहिशें बहुत टेढ़ी निकली यारों, हम बहुत जल्द पूरे होंगे 
कहे कर ये साल-दर साल हमें, अधूरा करते आयें हैं  
हाँ मुझे निकले कई साल बीत गये...........................
होंगे एक दिन ये सपने भी पूरे ,मेहनत  किसी की बेकार नहीं जाएंगी
हाँ कुछ बड़े सपने हैं इस लिए बड़ी कीमत चुकाने आयें हैं  
हाँ मुझे निकले कई साल बीत गए, पर सपने अब तक न पास आयें हैं

©पूर्वार्थ #सपनेपूरेहोतेहैं