अदा से फ़र्क पड़ता हैं, खता से फ़र्क पड़ता हैं, अब न जाने क्यूं हमे दुआ से फ़र्क पड़ता हैं, ये हक़ीक़त है जनाब जमाने की हवा भी चले तो हवा से फ़र्क पड़ता हैं.. S upadhyay Fark padta hai