White ख़ुद से लड़कर तुझसे हारे, ठीक हुआ आँख से निकले अश्क के धारे, ठीक हुआ भूलने वाले 1 जनवरी भूल गया भूल न पाए हम बेचारे, ठीक हुआ जो मेरा होने का दावा करते थे झूठे निकले यार वो सारे, ठीक हुआ उसको इनाम में इक और दुनिया मिली मेरे हिस्से आए ख़सारे, ठीक हुआ पाँव मलते-मलते उसकी बस्ती से घर को लौटे हम बेचारे, ठीक हुआ उसकी छत पे जाने से तो बेहतर था रातें गुज़ारी गिनकर तारे, ठीक हुआ ©dilkibaatwithamit ख़ुद से लड़कर तुझसे हारे, ठीक हुआ आँख से निकले अश्क के धारे, ठीक हुआ भूलने वाले 1 जनवरी भूल गया भूल न पाए हम बेचारे, ठीक हुआ जो मेरा होने का दावा करते थे झूठे निकले यार वो सारे, ठीक हुआ