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पहली मर्तबा जब मेरे बारे लिखोगी सिर्फ काफिया मिलें

पहली मर्तबा जब मेरे बारे लिखोगी
सिर्फ काफिया मिलेंगे या तुम हमें भी मिलोगी 
उस ग़ज़ल में तो चेहरा मेरा है नाम किसका का दोगी? 

या कि 'ये तो ऐसे ही' , 'ऐसा कुछ नहीं है' सबसे कहोगी 

जब सारी तुकबंदियां हमारी हालात से मिलेंगी 
जब कुछ स्याहियां पन्नों पर फैली रहेंगी 
'ये पानी कहाँ से गिरा' आंख मलते कहोगी 

या कि 'ये तो ऐसे ही' , 'ऐसा कुछ नहीं है' सबसे कहोगी
 
'वियोगी होगा पहला कवि' जब सखियाँ कहेंगी
बड़े जोर ही जब तुम झूठे हंसोगी
'कवि की कल्पना है' धौंस से कहोगी 

या कि 'ये तो ऐसे ही', 'ऐसा कुछ नहीं है' सबसे कहोगी

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #काफिया