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कहीं शाम ढल रही है किसी की यादें लेकर, कहीं रात गु

कहीं शाम ढल रही है किसी की यादें लेकर,
कहीं रात गुजर रही है टूटे ख्वाब के वादे देकर,

सुबह तलक तन्हा सफर मुश्किल है दोस्त,
तुम भी आओ कभी हमे मिलने के इरादे लेकर..!!


hk@सफर

©Harishkumar Kalal
  #सफर तन्हा रात का

#सफर तन्हा रात का #शायरी

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