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#दरिया हूँ सफर मेरा, भटकाव भरा है,टकराव भरा है, जा

#दरिया हूँ सफर मेरा,
भटकाव भरा है,टकराव भरा है,
जाना है कही मुझको,
ना मंजिल का पता है।
एक दिन तो #समंदर भी,
टकराएगा मुझे आकर,
मदमस्त मुसाफिर हूँ,
राहों से मोहब्बत है।
#ख्वाबों में भी ना देखी,
मंजिल की कोई परछाई,
बहना मेरे बस में था,
बहता ही जा रहा हूँ।

©The Urban Rishi #दरिया हूँ सफर मेरा,
भटकाव भरा है,टकराव भरा है,
जाना है कही मुझको,
ना मंजिल का पता है।
एक दिन तो #समंदर भी,
टकराएगा मुझे आकर,
मदमस्त मुसाफिर हूँ,
राहों से मोहब्बत है।
#दरिया हूँ सफर मेरा,
भटकाव भरा है,टकराव भरा है,
जाना है कही मुझको,
ना मंजिल का पता है।
एक दिन तो #समंदर भी,
टकराएगा मुझे आकर,
मदमस्त मुसाफिर हूँ,
राहों से मोहब्बत है।
#ख्वाबों में भी ना देखी,
मंजिल की कोई परछाई,
बहना मेरे बस में था,
बहता ही जा रहा हूँ।

©The Urban Rishi #दरिया हूँ सफर मेरा,
भटकाव भरा है,टकराव भरा है,
जाना है कही मुझको,
ना मंजिल का पता है।
एक दिन तो #समंदर भी,
टकराएगा मुझे आकर,
मदमस्त मुसाफिर हूँ,
राहों से मोहब्बत है।

#दरिया हूँ सफर मेरा, भटकाव भरा है,टकराव भरा है, जाना है कही मुझको, ना मंजिल का पता है। एक दिन तो #समंदर भी, टकराएगा मुझे आकर, मदमस्त मुसाफिर हूँ, राहों से मोहब्बत है। #poem #ख्वाबों #seaside