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White सुख का दिन डूबे डूब जाए।  तुमसे न सहज मन ऊब

White सुख का दिन डूबे डूब जाए। 
तुमसे न सहज मन ऊब जाए। 

खुल जाए न मिली गाँठ मन की, 
लुट जाए न उठी राशि धन की, 
धुल जाए न आन शुभानन की, 
सारा जग रूठे रूठ जाए। 

उलटी गति सीधी हो न भले, 
प्रति जन की दाल गले न गले, 
टाले न बान यह कभी टले, 
यह जान जाए तो ख़ूब जाए।

©AYUSH Kumar
  सुख का दिन डूबे डूब जाए। 
तुमसे न सहज मन ऊब जाए। 

खुल जाए न मिली गाँठ मन की, 
लुट जाए न उठी राशि धन की, 
धुल जाए न आन शुभानन की, 
सारा जग रूठे रूठ जाए।
rajivsingh5477

AYUSH SINGH

New Creator
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सुख का दिन डूबे डूब जाए। तुमसे न सहज मन ऊब जाए। खुल जाए न मिली गाँठ मन की, लुट जाए न उठी राशि धन की, धुल जाए न आन शुभानन की, सारा जग रूठे रूठ जाए। #शायरी #kabita #Shayar♡Dil☆

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