फ़िर से मरकर देखें क्या। जिंदा रहकर देखें क्या।। , रुक के फ़िर से सोच रहे है। आगे बढ़कर देखें क्या।। , तुम बदलें हो मौसम जैसे। तुमको पढ़कर देखें क्या।। , तुम पे मरकर देख लिया है। खुद पे मरकर देखें क्या।। , सपने शायद सच हो जाए। हम भी सोकर देखें क्या।। , पानी की कितनी किल्लत है। दरिया बनकर देखें क्या।। , ग़ैर समझता है जो मुझकों। अपना कहकर देखें क्या।। , जानें कैसी आहट थी ये। पीछे मुड़कर देखें क्या।।