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मेरी कविताओं के दर्पण में, बस तेरी रंग-रूप; है तेर

मेरी कविताओं के दर्पण में, बस तेरी रंग-रूप; है तेरी परछाईं
नीचे कोने में अपना नाम लिखता, तू कविता के शब्द शब्द में छाई
कविता की मर्म समझती तू मुझको,  तुम मेरी  कविता की रक्तवाहिनी जान पड़ती हो
तुम पढ़ती हो मेरी कविता, मैं तेरा चेहरा पढ़ता हूँ ।

तेरी बातों की रिमझिम से, मेरी चाय में चीनी घुलती है
मेरे होठ पर शब्द जब थम जाती है, तब तेरे होठ पर  डिक्शनरी खुलती है
तू मेरे जीवन में आई न जाने कैसे, तब से जग से  बिछड़ता गया हूँ
तुम पढ़ती हो मेरी कविता, मैं तेरा चेहरा पढ़ता हूँ ।

 तेरे मन की कलियाँ-कलियाँ मेरे जीवन की फूल-फूल, 
तूझे रेशमी शरम में सिमट लूँ, मैं तेरी रंगीन रात की रंगरलियाँ 
तेरी माथे पर सूरज उगाउँ , हृदय में चाँद की चाँदनी चमकाउं,
 मेरी खुंशी प्राणों से बढ़कर तेरा प्यार जकड़ता हूँ
तुम पढ़ती हो मेरी कविता, मैं तेरा चेहरा पढ़ता हूँ ।

#निशीथ

©Nisheeth pandey
  #Parchhai 
मेरी कविताओं के दर्पण में, बस तेरी रंग-रूप; है तेरी परछाईं
नीचे कोने में अपना नाम लिखता, तू कविता के शब्द शब्द में छाई
कविता की मर्म समझती तू मुझको,  तुम मेरी कविता की रक्तवाहिनी जान पड़ती हो
तुम पढ़ती हो मेरी कविता, मैं तेरा चेहरा पढ़ता हूँ ।

तेरी बातों की रिमझिम से, मेरी चाय में चीनी घुलती है
मेरे होठ पर शब्द जब थम जाती है, तब तेरे होठ पर  डिक्शनरी खुलती है

#Parchhai मेरी कविताओं के दर्पण में, बस तेरी रंग-रूप; है तेरी परछाईं नीचे कोने में अपना नाम लिखता, तू कविता के शब्द शब्द में छाई कविता की मर्म समझती तू मुझको, तुम मेरी कविता की रक्तवाहिनी जान पड़ती हो तुम पढ़ती हो मेरी कविता, मैं तेरा चेहरा पढ़ता हूँ । तेरी बातों की रिमझिम से, मेरी चाय में चीनी घुलती है मेरे होठ पर शब्द जब थम जाती है, तब तेरे होठ पर डिक्शनरी खुलती है #Artist #Yaari #creative #talaash #FriendshipDay #Streaks #निशीथ #TereHaathMein #BehtaLamha #ChaltiHawaa

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