गुरुर था बहुत टूट जाने दो, साथ हैं बहुत छूट जाने दो। थक गया हूं मनाते मनाते, अब रूठे तो रुठ जाने दो। झुके तो हम भी थे हालातों से, अब ज़रा उसे भी झुक जाने दो। मुस्कुराएंगे हम भी बेशक, आब-ए-चश्म सूख जाने दो। बहुत वज़न हैं सिने में यादों का, कंबख्त सांसों को रुक जाने दो। दें देना सजा-ए-मौत साहब, पहले गुनाहों का सुबूत लाने दो। ©RKant #Dard_Bewajah #आब_ए_चश्म #आंसू