*इस ज़िंदगी में न जाने ये; कितनों से मिलता है, हक़ीक़त से टकराते हुए; हर सपनों से मिलता है, हिम्मत तो इतनी है; की सबको हंसते हुए सह लें हम; पर हिम्मत भी जवाब दे देती है जब *धोखा*; अपनों से मिलता है... . ©Amar Choudhary #Dhokha my new shayari #shayar #Shayari #shayri #Broken #Hindi