" ज़िन्दगी बस इस बसर में , कि तेरा ख्याल किस कदर है , चलो आईने से तपसिल कर ली जाये , तुम मुझे कहीं मेरी नज़र से निहार तो नहीं रहे , जिक्र है कि ख्याल है तुम हो भी कि नहीं , तुम मुझे मिल के नहीं मिल रहे , जन्द सांसों का चलो हिसाब कर लिया जाये , अब से तु मुझमें जिये मैं तुझ में ." --- रबिन्द्र राम Hello Resties! ❤️ Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 Highlight and share this beautiful post so no one misses it!😍 Don't forget to check out our pinned post🥳