तेरी नज़रो का काज़ल , सितारों सी मुस्कान मेहक वो तेरी क्या ग़ज़ल लिखूं तेरे बारे में तेरा चेहरा मुकमले मचले तक कयामत है कयामत है खुली खुली झुल्फे वो बैठा बादलों के छाँव तले पंछियों की आवाज से प्यारी हेबटेरी आवाज मोरनी की चाल से परे कस्तूरी नयनों से परे ऊंचे शिखर के तले ओर उस आसमान से परे नज़रो से मिली नज़रे तेरे मुक्कमल सा दिल मचल गया छूने की तमन्ना जगी ओर ख़्वाब ये टूट गया जगा नींद से तो समज में आया तितली यो को तो महसूस किया जाता है छूना तो बस ख़्वाब होता है