"आज इज़हार का दिन" हमनें भी कभी किसी से इज़हार किया था वो वक़्त बीत गया,कोई तुमसा नहीं दिखा मुझे.! मुहब्बत बहुत नाजुक दौर में है जानता हूँ मैं अभी भी वही रुका हूँ मैं,तुमसा नहीं दिखा मुझे.! तुम देखों मैं जानता हूँ,इज़हार ए बाज़ार लगी है मेरी दुनियां तुममें है अभी,तुमसा नहीं दिखा मुझे.! किसकी बात करते हो,सब इक़ ही जैसे है यहाँ मैं नहीं हूँ बदलने वाला अब,तुमसा नहीं दिखा मुझे.! आयेंगे बहुत तुमसे इज़हार ए मुहब्बत करने वाले मुझसा नहीं कोई,मैं,मैं हूँ,तुमसा नहीं दिखा मुझे.!! ©Shreyansh Gaurav #Roses शायरी शायरी लव रोमांटिक खूबसूरत दो लाइन शायरी दोस्ती शायरी 'दर्द भरी शायरी'