हमेंशा ही बेटियों का आज की तरह आदर और सत्कार हो सबकी बेटी के लिए बराबर दिल में सम्मान हो न किसी का तिरस्कार हो जिस के पेट में पल कर तुम इस दुनिया में आते हो फिर क्यों उसी नारी का अपने व्यंगों से दिल जलाते हो आदर और सम्मान के दोनों बराबर के भागी हैं एक दूसरे के पूरक और साथी हैं