मैं कविता नहीं एहसास लिख रही हूं आज तेरे लिए कुछ खास लिख रही हूं।। जब हम मिले , उन यादों की बरसात लिख रही हूं, मेरे घर आई , तेरी बारात लिख रही हूं।। आज तेरे लिए कुछ खास लिख रही हूं।। तेरी आखों में मेरा खयाल लिख रही हूं, जो पहले कभी न हुआ वो प्यार लिख रही हूं।। तुझसे सिर्फ मांगा, तेरा प्यार लिख रही हूं पुरानी यादों की, हर एक बात लिख रही हूं।। तुझसे किए वादों की ,किताब लिख रही हूं, आज मैं तुम्हारे लिए कुछ खास लिख रही हूं।।। मेरे लिए बदली आदतों की, सच्ची बात लिख रही हूं, जो नहीं करते थे, वो मेरे लिए करने की दात लिख रही हूं। वही तेरी ढेर सारी बातों का अखबार लिख रही हूं, तेरे हाथों में, मेरा हाथ लिख रही हूं।। तेरी बाहों में बीती ,वो रात लिख रही हूं जो बढ़ती ही जाती है , वो एहसास लिख रही हूं ।। आज भी ही तुमारी, खुद को खास लिख रही हूं, तूझ पर मेरा विस्वास लिख रही हूं।। आज तुम्हारे कुछ ख़ास लिख रही हूं।।। लव यू बुब्बू ❤️😘 jassu ©Pushpa Kanoujiya #PARENTS #poem #Love #Ha #Wo #Tha