Nojoto: Largest Storytelling Platform

पहले जब मैं घर जाती थी बहुत ही सुकून पाती थी। मां

पहले जब मैं घर जाती थी
बहुत ही सुकून पाती थी।
मां बाप के आंखो में 
मेरा इंतजार पाती थी।
गली मुहल्ले में रौनक पाती थी।
अब ना रहे मां बाप तो 
नही रहा वो उत्साह जाने का।
ना रौनक बचा, ना वो आशियां।
जितने भी पल मिले मां बाप संग
गुजार लो खुशहाल, नही तो
जीवन भर करते रहोगे मलाल।

©Archana Chaudhary"Abhimaan"
  #Gharonda