वो मेरे दिल को छोड़ आए, जहाँ रंजोगम का बसेरा था, दिल देकर उनसे नेह लगाया, क्या कहूँ क़सूर मेरा था। सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक 1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें 2. इस वाक्य को अपने सुंदर शब्दों से पूरा करें 3. लिखने के बाद इस पोस्ट पे आकर कॉमेंट में done लिखें