अत्याचार बेखौफ था हिंसा थी बाचाल क्रूरता के हाथों में थी देश की कमान गुलामी की त्रासदी में देश हुआ बेहाल। सद्भभावना, सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह के पथ पर चले निरंतर हाथ में लाठी, बदन पर दुशाला धोती, तन हाड़ समान। बिना अस्त्र दिलायी आजादी दिया देश को स्वराज्य सम्मान। ऐसे शान्ति दूत बापू को मेरा शत् शत् बार प्रणाम॥ पारुल शर्मा अत्याचार बेखौफ था हिंसा थी बाचाल क्रूरता के हाथों में थी देश की कमान गुलामी की त्रासदी में देश हुआ बेहाल। सद्भभावना, सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह के पथ पर चले निरंतर