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आंखों के आखरी आंसू की दुहाई दे जा, तू आज मुझे तेरे

आंखों के आखरी आंसू की दुहाई दे जा,
तू आज मुझे तेरे इश्क से रिहाई दे जा।

तेरी याद में अधूरा सा जी लिया बरसों,
मुझे मेरे बढ़ते हुए मर्ज की दवाई दे जा।

फिरता रहा तेरे ख्याल में जाने कब से,
बेचैन चाहतों को ज़रा सी रुबाई दे जा।

मंज़िल की तलाश में साथी की जरूरत है,
कांपते मेरे हुनर को पहले से सफाई दे जा।

©Deepak Mishra 'Kitab Wala'
  तू आ, मुझे मेरा सुकून दे जा।

तू आ, मुझे मेरा सुकून दे जा। #शायरी

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